केजरीवाल सरकार ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर राजद्रोह के चार साल पुराने एक मामले पर दिल्ली पुलिस को मुकदमा चलाने की मंजूरी देकर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया है | दरअसल 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारे लगाने के कुछ विडियो वायरल हुए थें, जिसके बाद कन्हैया कुमार व उमर खालिद सहित दस लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था | उसके बाद 14 जनवरी 2019 को आरोपपत्र भी दाखिल किया गया, लेकिन तब केजरीवाल सरकार ने कन्हैया और दूसरे अन्य लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने से साफ मना कर दिया था |
कन्हैया कुमार समेत अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस की स्पेशल सेल ने मामले की जाँच की थी | क्योकि बिना राज्य सरकार की मंजूरी के राजद्रोह का मुकदमा नही चलाया जा सकता है, इसलिए उन पर राजद्रोह का मुकदमा नही दर्ज हो पा रहा था | उस समय से राजद्रोह लगाने की अनुमति की फाइल दिल्ली सरकार के पास पड़ी थी | तब केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस पर नियमों का उल्लंघन किये जाने का आरोप लगाया था |
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लेकिन अब 13 महीने बाद अचानक अरविंद केजरीवाल द्वारा कन्हैया कुमार, उमर खालिद, आकिब हुसैन, बसरत अली, अनिर्बान भट्टाचार्या, मुनीब हुसैन, मुजीब हुसैन, उतर गुल, रईस रसूल और खालिद बशीर भट के विरुद्ध राजद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देकर सबको चौका दिया | राजद्रोह के इस मामले में अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होनी है |
इस बात को लेकर बॉलीवुड फिल्ममेकर अनुराग कश्यप, जो सोशल मिडिया पर बहुत सक्रिय रहते है, का केजरीवाल पर गुस्सा फूटा और उन्होंने ट्वीट कर भाजपा सरकार और केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा | अनुराग कश्यप ने कन्हैया कुमार के एक ट्वीट को retweet करते हुए केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि महाशय अरविंद केजरीवाल जी, आपको क्या कहे, “कितने में बिके” |
अपने ऊपर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने पर कन्हैया कुमार ने tweet किया कि “सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक और त्वरित कार्रवाई की जरूरत इसलिए है क्योकि भारत को पता चल सके कि किस प्रकार सेडिशन कानून का दुरुपयोग इस पूरे मामले में राजनितिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मामलों से भटकाने के लिए किया गया है |”